सत्याय नित्याय जगद्धिताय
शुद्धाय बुद्धाय परात्पराय
दिव्यांगना सत्यवती सुताय
व्यासाय बालाय नमो नमस्ते

वसिष्ठ वंशोत्भव संभवाय
पूण॔य चन्द्राय मनोहराय
दिव्याय रम्याय रमाधवाय
व्यासाय बालाय नमो नमस्ते

वन्द्याय वन्द्यामरवन्दिताय
वेद्याय देवाखिल पालकाय
वन्दारु भक्तामरपादपाय
व्यासाय बालाय नमो नमस्ते

धातुं सुखं योगि पराशराय
सवाॏत्मजाद्वीपगतोबभूव
प्रादुभ॔वो यस्यहरोस्तु तस्मै
व्यासाय बालाय नमो नमस्ते

लोके पवित्रं परमं प्रसिद्धं
कालप्रियाघ्यं तु बभूव तीत्थ॔ं
यज्जन्मना लोकगुरोस्तु तस्मै
व्यासाय बालाय नमो नमस्ते

ज्ञानप्रदातुं नतसज्जनेभ्यः
वैकुण्ठलोकाद्भुवमागताय
कारुण्यपूणाॏय गुणाण॔वाय
व्यासाय बालाय नमो नमस्ते

अच्च॔न्ति भक्त्यासुरसिद्ध संखा
गायन्ति देवषिॏ महषिॏवर्या
भक्तप्रियं तं परमं तु तस्मै
व्यासाय बालाय नमो नमस्ते

यस्यस्मितं दिव्य सुखप्रदानं
सुमुग्ध सम्मोहन चारुवक्त्रं
तस्मै जगनमोहन सुनदराय
व्यासाय बालाय नमो नमस्ते

उरौ जनन्या परिशोभिताय
प्रेम्ना स्वपित्रा बहुलळिताय
दिव्यॉगनानामपि मोहनाय
व्यासाय बालाय नमो नमस्ते

श्रीशो जगतॅालनहेतवेत्र
प्रदुबॏभुवेति सुलक्षनैस्वै
संसूचकायाति सुदरशनाय
व्यासाय बालाय नमो नमस्ते

स्वयोगमायाँ परिदरशयन य
शिशुरबभूवाति सुदरशनाय
दिव्योवटुस्तादुश वैभवाय
व्यासाय बालाय नमो नमस्ते

काशीमठीय सुकृतीन्द्र पदारविन्द
भृंगेन निमिॏदमिदं स्तवनं पवित्रं
पाराशरस्य गणनीय गुणाणॏवस्य
नित्यं वठनभुविनरो लभते शुभानि

इति श्रीमदॅ सुधीन्द्रतीत्थॏकृतं
श्री बालव्यास स्तोत्रं संपूणंॏ

 Sri Baala Vyasa Sthothra composed by H. H. Srimad Sudhindra Thirtha Swamiji
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